Bhagavad Gita 2.12
*भगवद्गीता– अध्याय २, श्लोक १२*
न त्वेवाहं जातु नासं न त्वं नेमे जनाधिपाः |
न चैव न भविष्याम: सर्वे वयमत: परम् ||
अनुवाद:
ऐसा कभी कोई समय नहीं था जब मैं नहीं था, न तुम नहीं थे, न ये सभी राजा नहीं थे; और न ही भविष्य में ऐसा होगा कि हम में से कोई भी न रहे।
Bhagavad Gita 2.12:
Never was there a time when I did not exist, nor you, nor all these kings; nor in the future shall any of us cease to exist.
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