This entire cosmic manifestation is pervaded by Me in My unmanifest form. All living beings dwell in Me, but I do not dwell in them.
भगवद्गीता– अध्याय ९, श्लोक ४
मया ततमिदं सर्वं जगदव्यक्तमूर्तिना |
मत्स्थानि सर्वभूतानि न चाहं तेष्ववस्थित: ||
This entire cosmic manifestation is pervaded by Me in My unmanifest form. All living beings dwell in Me, but I do not dwell in them.
इस समूचे ब्रह्माण्ड की अभिव्यक्ति मेरे अव्यक्त रूप में मेरे द्वारा व्याप्त है। सभी जीवित प्राणी मुझमें निवास करते हैं लेकिन मैं उनमें निवास नहीं करता।
Bhagavad Gita,
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