There is no distraction or focus, no right discrimination or delusion, no joy or sorrow in always action-less Self.॥9॥
क्व विक्षेपः क्व चैकाग्र्यं
क्व निर्बोधः क्व मूढता।
क्व हर्षः क्व विषादो वा
सर्वदा निष्क्रियस्य मे॥२०- ९॥
सदा निष्क्रिय मुझमें क्या अन्यमनस्कता है और क्या एकाग्रता, क्या विवेक है और क्या विवेकहीनता, क्या हर्ष है और क्या विषाद॥९॥
There is no distraction or focus, no right discrimination or delusion, no joy or sorrow in always action-less Self.॥9॥
Ashtavakra Gita
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