Shiv Sutra 1.4

Shiv Sutra_1.4__ जाग्रतस्वप्नसुषुप्तभेदेतुर्याभोगसंभवा। तीन अवस्था होती है...जागृत, नींद और स्वप्न और इन तीनों अवस्था के बीच मे कुछ ऐसे क्षण मिलते है जहाँ आप ना जागृत है, ना सो रहे है ना स्वप्न देख रहे हो.. इसे तुरीय अवस्था कहते है, शिव अवस्था कहते है औऱ आप समाधि में जाने लगते हो, आपकी चिंताएं मिटने लगती है, एक बालपन पनपने लगता है। शिवतत्व को खोजने के लिए कैलास जाने की जरूरत नही है...आप शिव को जागृत और स्वप्नावस्था के बीच मे पा सकते हो। There are three stages ... Awakening, sleep and dream and between these three stages there are some moments where you are neither awake nor sleeping or dreaming .. It is called Turiya state, Shiva state And you start going to samadhi, your worries start disappearing, a childhood starts to flourish. There is no need to go to Kailas to find Shivatattva ... You can find Shiva between awakening and self-state.🙌

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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
May all sentient beings be at peace, may no one suffer from illness, May all see what is auspicious, may no one suffer. Om peace, peace, peace.

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