There is not this world or the other, no happiness or suffering for Self, who is eternally free from thoughts.॥10॥
क्व चैष व्यवहारो वा
क्व च सा परमार्थता।
क्व सुखं क्व च वा दुखं
निर्विमर्शस्य मे सदा॥२०- १०॥
सदा विचार रहित मेरे लिए क्या संसार है और क्या परमार्थ, क्या सुख है और क्या दुःख॥१०॥
There is not this world or the other, no happiness or suffering for Self, who is eternally free from thoughts.॥10॥
Ashtavakra Gita
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