For those who worship me with minds focused on me alone and always immersed in me, I provide what they lack and preserve what they have already attained.
भगवद्गीता– अध्याय ९, श्लोक २२
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जना: पर्युपासते |
तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम् ||
अनुवाद: जो लोग केवल मुझ पर ध्यान केंद्रित करके मुझमें तल्लीन होकर मेरी पूजा करते हैं, मैं उन्हें वह प्रदान करता हूँ जिसकी उन्हें कमी है और जो उन्होंने पहले ही प्राप्त कर लिया है उसे संरक्षित करता हूँ।
For those who worship me with minds focused on me alone and always immersed in me, I provide what they lack and preserve what they have already attained.
Bhagavad Gita
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