Beggar or king, he excels who is without desire, and whose opinion of things is rid of 'good' and 'bad'.॥91॥
भिक्षुर्वा भूपतिर्वापि यो
निष्कामः स शोभते।
भावेषु गलिता यस्य
शोभनाशोभना मतिः॥१८- ९१॥
राजा हो या रंक, जो कामना रहित है वह ही सुशोभित होता है। जिसकी दृश्य वस्तुओं में शुभ और अशुभ बुद्धि समाप्त हो गयी है वह निष्काम है॥९१॥
Beggar or king, he excels who is without desire, and whose opinion of things is rid of 'good' and 'bad'.॥91॥
Ashtavakra Gita
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