You are neither earth, nor water, nor fire, nor air or space. To liberate, know the witness of all these as conscious self.॥3॥
न पृथ्वी न जलं नाग्निर्न
वायुर्द्यौर्न वा भवान्।
एषां साक्षिणमात्मानं
चिद्रूपं विद्धि मुक्तये॥१-३॥
आप न पृथ्वी हैं, न जल, न अग्नि, न वायु अथवा आकाश ही हैं। मुक्ति के लिए इन तत्त्वों के साक्षी, चैतन्यरूप आत्मा को जानिए॥३॥
You are neither earth, nor water, nor fire, nor air or space. To liberate, know the witness of all these as conscious self.॥3॥
Ashtavakra Gita
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