Liberation is when mind does not desire, does not grieve, does not sacrifice, does not accept, is not pleased or get angry.॥2॥
तदा मुक्तिर्यदा चित्तं
न वांछति न शोचति।
न मुंचति न गृण्हाति
न हृष्यति न कुप्यति॥८- २॥
तब मुक्ति है जब मन इच्छा नहीं करता है, शोक नहीं करता है, त्याग नहीं करता है, ग्रहण नहीं करता है, प्रसन्न नहीं होता है या क्रोधित नहीं होता है॥२॥
Liberation is when mind does not desire, does not grieve, does not sacrifice, does not accept, is not pleased or get angry.॥2॥
Ashtavakra Gita
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