I am not the body, nor is the body mine. I am consciousness. My only bondage is the thirst for life.॥22॥
नाहं देहो न मे देहो
जीवो नाहमहं हि चित्।
अयमेव हि मे बन्ध
आसीद्या जीविते स्पृहा॥ २-२२॥
न मैं शरीर हूँ न यह शरीर ही मेरा है, न मैं जीव हूँ , मैं चैतन्य हूँ। मेरे अन्दर जीने की इच्छा ही मेरा बंधन थी॥२२॥
I am not the body, nor is the body mine. I am consciousness. My only bondage is the thirst for life.॥22॥
Ashtavakra Gita
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