एवमेव कृतं येन स
कृतार्थो भवेदसौ।
एवमेव स्वभावो यः
स कृतार्थो भवेदसौ॥१२- ८॥
जो इस प्रकार से आचरण करता है वह कृतार्थ (मुक्त) हो जाता है; जिसका इस प्रकार का स्वभाव है वह कृतार्थ (मुक्त) हो जाता है॥८॥
He who follows thus gets liberated. One whose nature is like this gets liberated.॥8॥
Ashtavakra Gita
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