As bubbles rise in the sea, the world originates from non-dual Self. Know this and be one with Self.॥2॥
उदेति भवतो विश्वं
वारिधेरिव बुद्बुदः।
इति ज्ञात्वैकमात्मानं
एवमेव लयं व्रज॥५- २॥
जिस प्रकार समुद्र से बुलबुले उत्पन्न होते हैं, उसी प्रकार विश्व एक आत्मा से ही उत्पन्न होता है। यह जानकर ब्रह्म से योग (एकरूपता) को प्राप्त करो॥२॥
As bubbles rise in the sea, the world originates from non-dual Self. Know this and be one with Self.॥2॥
Ashtavakra Gita
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