Amazing! Salutations to me who is one,who appears with body, neither goes nor come anywhere and pervades all the world.॥12॥
अहो अहं नमो मह्यं
एकोऽहं देहवानपि।
क्वचिन्न गन्ता नागन्ता
व्याप्य विश्वमवस्थितः॥ २-१२॥
आश्चर्य है, मुझको नमस्कार है, मैं एक हूँ, शरीर वाला होते हुए भी जो न कहीं जाता है और न कहीं आता है और समस्त विश्व को व्याप्त करके स्थित है॥१२॥
Amazing! Salutations to me who is one,who appears with body, neither goes nor come anywhere and pervades all the world.॥12॥
Ashtavakra Gita
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