Shiv Sutra 1.5

*Guru Gyan:* _(Shiv Sutra_1.5)_ एक नवजात शिशु में जो चैतन्य है वह पढ़े लिखे आदमी में नजर नही आता है। बच्चे में का चैतन्य धीरे धीरे क्यों कम हो जाता है। हम एक सूचना का एक यंत्र बन गए है। एक शिशु दिन में 400 बार मुस्कुराता है। चेतना का लक्षण है...उत्साह, प्रेम, आनंद, सृजनात्मकता। चेतना के विकास में बाधा है... ज्ञानं बन्धः। जीवन हर समय ताजा है, ज्ञान तुम्हे भूतकाल से बांध देता है। पंचयन्द्री से जो ज्ञान मिलता है वह सीमित ज्ञान होता है। दो तरह के ज्ञान है...स्वरूपगत ज्ञान। कण कण में जानने की शक्ति है। जीवन का लक्षण भी जानने की शक्ति है। The enlightenment in a newborn child is not seen in an educated man. Why does the child's consciousness gradually decrease. We have become a tool of information. An infant smiles 400 times a day. The symptom of consciousness is… enthusiasm, love, joy, creativity. There is an obstacle in the development of consciousness ... Knowledge is bound. Life is fresh all the time, knowledge binds you to the past. The knowledge gained from Panchayandri is limited knowledge. There are two types of knowledge ... formative knowledge. The particle has the power to know. It is also the power to know the signs of life. 🙌

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Doctor

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
May all sentient beings be at peace, may no one suffer from illness, May all see what is auspicious, may no one suffer. Om peace, peace, peace.

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